हरियाणा में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, स्कूली अध्यापकों व बच्चों के होंगे टेस्ट
हरियाणा में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, स्कूली अध्यापकों व बच्चों के होंगे टेस्ट
स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग से मांगा सहयोग
चंडीगढ़। हरियाणा मेंं कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते सरकार सतर्क हो गई है। प्रदेश के स्कूलों में भले ही शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाएं नहीं लगाई जा रही हैं लेकिन स्कूलों में कोरोना की आशंका के चलते अध्यापकों तथा विद्यार्थियों की सैंपलिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जिला सिविल सर्जनों ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने अधीन आते मुख्य अध्यापकों तथा खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी करें।
हरियाणा में कोरोना के मामले में फिर से आने शुरू हो चुके हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश में कोरोना के नए वरिएंट ओमिक्रान का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन कोरोना के केस फिर से आने के कारण सरकार सतर्क हो गई। प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के केस आने के बाद सरकार ने स्कूली अध्यापकों, विद्यार्थियों तथा स्कूल स्टाफ की सैंपलिंग करवाने का फैसला किया है।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को निर्देश दिया गया है कि वह कोरोना केसों के मद्देनजर अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर स्कूलों में सैंपलिंग करे। इस संबंध में जिला सिविल सर्जनों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों के जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संवेदनशील स्कूलों की सैंपलिंग को बढ़ाएं। कहीं भी कोई संदिग्ध मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन तथा जिला उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद स्कूल को बदं करवा दिया जाए।
कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
एक तरफ जहां कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है वहीं स्कूलों तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। हालांकि स्कूल खोलने से पहले विभाग द्वारा एसओपी जारी की गई थी लेकिन अब स्कूल प्रबंधकों द्वारा इस मामले में ढिलाई बरती जा रही है। निदेशालय को मिली रिपोर्ट के अनुसार स्कूल प्रबंधकों द्वारा सेनिटाइजर आदि रखकर केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। स्कूलों में ज्यादातर बच्चे और अध्यापक बगैर मास्क के ही आ रहे हैं। यही नहीं स्कूली इमारतों को भी नियमित रूप से सेनिटाइज नहीं करवाया जा रहा है।
लगातार बढ़ रही है हाजिरी
प्रदेश सरकार द्वारा भले ही अभी तक शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल नहीं खोले गए हैं लेकिन प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते प्रदेश के स्कूलों में कोरोना का खतरा बना हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और स्कूल लगाने को लेकर जारी की गई गाइडलाइन भी कागजों तक ही सिमटी हुई है।